समझदार इंसान भावुक लोग

भावनात्मक रूप से समझदार इंसानों की 6 खासियत

इस लेख में भावनात्मक रूप से समझदार इंसानों की कुछ खासियत के बारे में जानकारी दी जा रही है। अगर आप भी इन लक्षणों को अपने भीतर विकसित करते हैं और नियमित तौर पर प्रैक्टिस में लाएंगे, तो आप भी मनमाफिक स्किल हासिल कर सकते हैं, ताकि यह जीवन भर आपके साथ बना रहे।

पहली बार जब आपने ‘इमोशनल इंटेलिजेंस’ शब्द सुना होगा, तो यह आपके लिए थोड़ा पेचीदा लगा होगा। आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल, हम अपने इमोशन और समझदारी को दो अलग-अलग खासियत मान लेते हैं या समझने लगते हैं। लेकिन, जब ये दोनों गुण आपस में मिल जाते हैं, तो हमें दूसरे लोगों से संपर्क स्थापित करने और अपने आप को अच्छे तरीके से समझने में काफी मज़बूती प्रदान करते हैं। इससे हम अपनी ज़िंदगी काफी यथार्थपूर्ण और खुशहाल हो सकती है।

इंसान एक भावनात्मक जीव होता है। आमतौर पर वह अपने जीवन में जो भी फैसले लेता है, उसके पीछे उसकी भावना ज़रूर शामिल रहती है। जब हम इसका इस्तेमाल बेहतर ढंग से करते हैं, तो भावनाएं हमें मुश्किल से मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने में मदद कर सकती है। साथ ही घर और ऑफिस में हमारे आपसी संबंधों को और भी मज़बूती प्रदान करने में सहायता कर सकती है। भावनात्मक रूप से समझदार इंसान (Mature Person) में आम लोगों से हटकर कुछ विशेष गुण होते हैं। जब वे दूसरे लोगों के साथ अपने विचारों को साझा करते हैं, तो उनके लिए अपनी भावनाओं को जानना, उनका बेहतर ढंग से प्रबंध और नियंत्रित करना थोड़ा आसान हो जाता है।

पहली बार व्यापक स्तर पर ‘इमोशनल इंटेलिजेंस’ शब्द का इस्तेमाल जाने-माने साइकोलॉजिस्ट डैनियल गोलेमैन ने अपनी किताब ‘इमोशनल इंटेलिजेंस : व्हाई इट कैन मैटर मोर दैन आईक्यू’ में किया था। गोलेमैन भावनात्मक समझदारी को खुद के भीतर और अन्य लोगों के इमोशन को जानने-समझने और उसकी परख करने की एक खासियत के रूप में देखते हैं।

हमारी भावनात्मक समझदारी हमें यह सिखाती है कि अपने बिहेवियर को कैसे मैनेज करना है। सामाजिक उलझनों के बारे में पता लगाने व सकारात्मक नतीजे हासिल करने के लिए एक विकल्प तैयार करने में मदद करते हैं। क्योंकि, भावनात्मक रूप से समझदार इंसान में अन्य लोगों की अपेक्षा दूसरों के प्रति हमदर्दी और परवाह करने की भावना अधिक होती है, इसलिए ऐसे लोगों के भीतर अपने साथियों की तुलना में कामयाबी की बुलंदियों को छूने की प्रबल संभावना होती है। अच्छी बात यह है कि आप भावनात्मक समझदारी ज़िंदगी के किसी भी फेज में सीखे सकते हैं और उसमें वांछित बदलाव भी ला सकते हैं। दरअसल, यूसी बर्कले के साइकोलॉजिस्ट रॉबर्ट लेवेन्सन ने अपनी एक स्टडी में इस बात का खुलासा किया है कि आमतौर पर उम्र में वृद्धि के साथ एक इंसान के भीतर भावनात्मक समझदारी भी उसी अनुपात में बढ़ती है।

इस लेख में भावनात्मक रूप से समझदार इंसानों की कुछ खासियत के बारे में जानकारी दी जा रही है। अगर आप भी इन लक्षणों को अपने भीतर विकसित करते हैं और नियमित तौर पर प्रैक्टिस में लाएंगे, तो आप भी मनमाफिक स्किल हासिल कर सकते हैं, ताकि यह जीवन भर आपके साथ बना रहे।

इंसान के भीतर होता है आत्मबोध का ज्ञान (Insaan ke bhitar hota hai atmbodh ka gyan)

जब किसी समझदार इंसान के भीतर आत्मबोध का ज्ञान हो जाता है, तो वह अपने जज्बातों और भावनाओं के बीच बेहतर ढंग से लय स्थापित कर सकता है। भावनात्मक रूप से समझदार इंसान यह बेहतर ढंग से समझते हैं कि वे किस चीज़ का अहसास कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं और उनकी फीलिंग्स कैसे उन पर असर डालती है। साथ ही वे कौन-सी चीज़ प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए हर वक्त सेल्फ अवेयनेस की प्रैक्टिस का मौका होता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके आत्मबोध का स्तर बढ़े, तो सबसे पहले अपनी भावनाओं का मूल्यांकन शुरू कर दें। अलग-अलग स्थितियों में, चाहे उसमें आपके परिवार का कोई सदस्य हो, ऑफिस का आपका दोस्त हो या कोई अन्य व्यक्ति हो, उस स्थिति में आप कैसा व्यवहार करते हैं, उस पर आत्ममंथन करें। जब आप अपने इमोशन्स और रिएक्शन के प्रति जागरूक होते हैं, तो उन पर कंट्रोल करना आपके लिए बहुत सरल काम हो सकता है। इससे आपकी मान्यताएं और उद्देश्य भी स्पष्ट हो जाते हैं। उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आप ठोस निर्णय लेने के लिए भी सक्षम हो जाते हैं और उसी के अनुरूप आप काम भी करते हैं।

अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सबसे पहले ज़रूरी है कि आप अपने भीतर की कमियों को पहचानें। अगर आप किसी विपरीत हालात का सामना कर रहे हैं, तो आप अपने उन हुनर के प्रति ईमानदार रहें, जिन्हें आपको कामयाब बनाने में ज़रूरत पड़ सकती है। जब आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तो आप असंतोष के मूल वजहों तक पड़ताल करने की कोशिश करें। सरल शब्दों से बात करें तो, आत्मबोध किसी की भावनाओं और उसके प्रभाव को पहचानने में मदद करता है। किसी की अपनी क्षमताओं और उसके दायरे को पहचाने में सहायता करता है। इसके अलावा खुद की अहमियत और क्षमताओं की बदौलत आत्मविश्वास को बहाल करता है।

आदमी संवेदनशील हो जाता है (Aadmi sanvedanshil ho jata hai)

ऐसे समझदार इंसान जो दूसरे लोगों प्रति हमदर्दी और दया का भाव रखते हैं, वे दूसरे लोगों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ सकते हैं। संवेदना किसी इंसान की भावनाओं को जानने-समझने और उसके कैरेक्टर का सबसे कारगर संकेत होता है। भावनात्मक रूप से समझदार इंसान के लिए अलग-अलग स्वभाव के लोगों को पहचाना बहुत मुश्किल काम नहीं होता है। वे उनकी बातों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और उनके साथ अच्छी तरह बातचीत भी कर सकते हैं। बातचीत के क्रम में भावनात्मक रूप से समझदार इंसान दूसरे लोगों की बातों पर पूरा फोकस करते हैं और उन्हें समझने की भी पूरी कोशिश करते हैं कि आखिर सामने वाला व्यक्ति क्या कह रहा है और उसे ये बातचीत कैसी लग रही है। सामने वाले व्यक्ति से उसका संवाद बेहतर हो, वह उसी के अनुरूप खुद ढल जाता है। भावनात्मक रूप से समझदार इंसान ऐसा करके उस व्यक्ति के अहसास को बखूबी समझ लेते हैं और उसके प्रति और ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं। ऐसे लोगों के प्रति कोई निर्णय लेने की रूचि भी कम हो जाती है।

पॉजिटिव माइंडसेट (Positive Mindset) 

भावनात्मक रूप से समझदार इंसान हमेशा दूसरे लोगों में, विपरीत हालातों में और कोई खास मौके पर अच्छाई ही ढूंढने की कोशिश करते हैं। यह वास्तव में किसी इंसान का सबसे बड़ा गुण होता है। क्योंकि इससे आपके भीतर शक्ति का संचार कर सकता है और आपकी उन्नति के लिए मौका प्रदान कर सकता है। भावनात्मक रूप से समझदार इंसान आत्मविश्वास से लबरेज होते हैं और खुलकर अपनी बात को रखने की मादा रखते हैं। इस तरह के लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ करना और उन्हें नाराज़ करना आसान काम नहीं होता है। उन्हें बखूबी मालूम होता है कि अपने विचारों को वास्तविक दुनिया से कैसे अलग रखना है, ताकि वह नेगेटिविटी और कटुता के दुष्चक्र के बीच न फंसे। साथ ही हमेशा जीवन के प्रति पॉजिटिव एप्रोच भी बरकरार रहे। भावनात्मक रूप से समझदार इंसान का एक मजबूत पक्ष यह है कि वे जीवन के सकारात्मक पलों को बखूबी स्वीकार करते हैं और उस पल को बेहतर ढंग से जीते भी हैं, भले ही वह कितना भी नीरस क्यों न हो। ऐसे लोग जो पॉजिटिव इमोशंस को महसूस करते हैं, उनकी काफी कोशिश होती है कि वे संबंधों को पूरी तरह निभाएं। ऐसे में नकारात्मक सोच वाले लोगों से बचना बेहद ज़रूरी है। हमेशा पॉजिटिव एप्रोच वाले और आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाले लोगों के बीच रहें।

समय के साथ बदलने के लिए सक्षम (Samay ke sath badalne ke liye saksham)

भावनात्मक रूप से समझदार इंसान किसी भी बदलाव और अनिश्चितता के दौर में वे हमेशा उसके अनुकूल ढलने में तत्पर रहते हैं। इससे उन्हें जीवन आने वाली परेशानियों से निपटने के साथ दूसरी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए काफी योग्य बनाता है। क्योंकि, इस तरह के इंसान किसी भी तरह के बदलाव से कभी डरते नहीं हैं। वे विपरीत हालातों में ढलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अधिक दबाव के दौरान वे शांतचित रहने की अहमियत को बखूबी समझते हैं और विपरीत हालात होने के बाद बावजूद तेज़ी से उबर जाते हैं। अनुकूलनशीलता आपको खुद की और अन्य लोगों की बेहतरी के साथ-साथ खास प्रयोजन और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आपके इमोशंस को बैलेंस रखने में सहायता करती है।

इस सच्चाई को हमेशा अपने दिलो-दिमाग से मान लेना चाहिए कि परिवर्तन संसार का नियम है और हर किसी के जीवन में परेशानियां आती हैं। ऐसे में अपने विपरीत हालातों को समझने का प्रयास करते रहें और उसके अनुरूप ही अपनी आगे की रणनीति बनाएं। यह बहुत ज़रूरी है।

अतीत में खोए रहने की बजाय आगे बढ़ें (Ateet mein khoye rahne ke bajaye aage badhe)

जिन लोगों में भावनात्मक समझदारी अधिक होती है, वे बीते दिनों में की गई गलतियों से सबके लेकर नए उपायों की तलाश करते हैं। अपने बीते दिनों में खोए रहने की बजाय वे अपने वर्तमान को बेहतर करने के लिए खुद को तैयार करते हैं। वे अपनी गलतियों से इस प्रकार दूरी बना लेते हैं कि अवसर पड़ने पर दूसरे लोगों को इससे आगाह करते नज़र आते हैं। इस प्रकार भावनात्मक रूप से समझदार इंसान अब अपनी आगे की कामयाबी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। किसी के साथ मनमुटाव या किसी के प्रति गुस्से को पकड़कर चलने का अर्थ खुद को तनाव की स्थिति में पहुंचाना। इसलिए भावनात्मक रूप से समझदार इंसान हर हाल में इस तरह की हरकत से बचने की कोशिश करते हैं। वे खुद को नकारात्मक सोच से परे रखते हैं। साथ ही खुद को नुकसान पहुंचाने वाले व्यवहार के तौर-तरीके को अपनाने से बचते हैं, ताकि वह उनकी उन्नति के पथ पर रोड़ा न बनें। कहने का मतलब है कि ऐसे लोग अपनी पिछली विफलताओं को देखने-समझने और बेहतर अवसरों को पहचाने के लिए अपनी बुद्धिमानी का इस्तेमाल करने लायक हो जाते हैं।

खुद को मोटिवेट करते हैं (Khud ko motivate karte hain)

सेल्फ मोटिवेशन का मतलब आपके भीतर छिपी ताकत से जुड़ा है। यह ताकत ही आपको अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रेरित करती है और बेहतर मौके के लिए आपको तैयार करती है। जिन लोगों में भावनात्मक समझदारी अधिक होती है, वे अधिक मोटिवेटेड होते हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी वे काफी सजग और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होते हैं। सेल्फ मोटिवेशन के ज़रिए हम अपने जीवन में सबसे ऊंची बुलंदियों को पाने की कोशिश करते हैं। आपकी अकांक्षाओं और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जोश और जज्बा बनाए रखता है। इसका दूसरा मतलब यह है कि जब आप सेल्फ मोटिवेटेड होते हैं, तो तमाम अड़चनों और विफलताओं के बावजूद आप अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते हैं। सेल्फ मोटिवेशन लोगों को जीवन में कुछ नया करने के लिए हमेशा प्रेरित करती है। साथ ही इंसान के भीतर मौजूद स्किल भी इंप्रूव करती है।

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